घनानंद का जीवन परिचय और साहित्य साधना का परिचय दीजिए

घनानंद हिंदी साहित्य के एक विलक्षण और अद्वितीय कवि थे, जिन्हें रीतिकाल के प्रमुख कवियों में स्थान प्राप्त है। उनका ...
Read moreकेशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए

केशवदास भक्तिकाल के महत्वपूर्ण कवि थे, लेकिन संस्कृत साहित्य से अत्यधिक प्रभावित होने के कारण वे पारंपरिक हिंदी काव्य-धारा से ...
Read moreकविवर बिहारी के जीवन परिचय-भाषा शैली और काव्य कला

महाकवि बिहारी का जन्म संवत १६६० में ग्वालियर के समीप बसुआ गोविन्दपुर में हुआ था। आप मथुरा के चौबे थे। इनकी बाल्यावस्था अधिकतर बुन्देलखण्ड में बीती | तरुणावस्था में ये अपनी ससुराल चले आए। श्री राधाकृष्णदास ने इन्हें कविवर केशवदास का पुत्र स्वीकार किया है किन्तु सतसई में कुछ बुन्देलखण्डी शब्दों के प्रयोग से तथा केशव केशवराय से यह बात सिद्ध नहीं होती । मथुरा से ये तत्कालीन जयपुर नरेश महाराजा जयसिंह के पास चले आये वहाँ इन्होंने महाराज के प्रमोद के लिए सतसई की रचना की।
Read moreमीराबाई का जीवन परिचय-रचनाएँ और उनकी काव्यगत विशेषताओं

हिंदी साहित्य के भक्तिकाल (संवत् 1375-1700) में भक्ति आंदोलन दो प्रमुख धाराओं में प्रवाहित हुआ—राम भक्ति और कृष्ण भक्ति। इन ...
Read moreरसखान का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताओं और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए

रसखान का जीवन परिचय: एक महान कृष्ण भक्त कवि रसखान, हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के प्रमुख कृष्ण भक्त कवि थे। ...
Read moreमलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय दीजिए

हिन्दी साहित्य में प्रेममार्गी कवियों की चर्चा हो और मलिक मोहम्मद जायसी का नाम न आए, यह संभव नहीं। वे ...
Read moreतुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए

गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य और भक्ति आंदोलन के महान कवि थे। उनका जीवन आज भी अनेक रहस्यों से भरा हुआ ...
Read moreसूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए

सूरदास का जन्म प्रायः संवत १५२९ में सीही नामक ग्राम में माना जाता है। वहाँ से वे रुनकता और गऊघाट ...
Read moreकबीरदास का जीवन परिचय और उनके साहित्य का योगदान

भारतीय भक्ति आंदोलन में संत कबीरदास का स्थान सर्वोपरि है। वे निर्गुण भक्ति की ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि थे। ...
Read moreरीतिकाल के प्रमुख कवियों का परिचय दीजिए

हिंदी का रीतिकाल (1650-1850) भारतीय काव्य की महत्वपूर्ण धारा है, जो विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से उत्पन्न हुआ था। इस काल ...
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