ritikal ki visheshtaen रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ / रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ

reetikaleen-kavya-ki-pramukh-pravrittiyan-रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ | रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
'रीति' शब्द का प्रयोग निश्चित प्रणाली, ढंग और नियम के अर्थ में होता है । अतः रीतिकाल में हमारा अभिप्राय हिन्दी-साहित्य के उस काल से है, जिसमें निश्चित प्रणाली के अनुसार काव्य-कला का विकास हुआ।
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महावीर प्रसाद द्विवेदी : द्विवेदी युग और द्विवेदीयुगीन काव्यगत विशेषताएँ dwivedi yug ki visheshta

महावीर प्रसाद द्विवेदी : द्विवेदी युग और द्विवेदीयुगीन काव्यगत विशेषताएँ dwivedi yug ki visheshta
 mahavir prasad dwivedi महावीर प्रसाद द्विवेदी हिन्दी साहित्य के महान रचनाकारों में से एक थे, महावीर प्रसाद द्विवेदी का जन्म ...
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द्विवेदी युग और द्विवेदी युग की नवजागरण परक चेतना dwivedi yug

द्विवेदी युग और द्विवेदी युग की नवजागरण परक चेतना dwivedi yug
द्विवेदी युग dwivedi yug को हिंदी साहित्य के जागरण और सुधार काल के रूप में जाना जाता है। द्विवेदी युग ...
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भारतेंदु युग की प्रमुख विशेषताएं / भारतेंदु युग की प्रवृत्तियां

भारतेंदु युग की प्रमुख विशेषताएं / भारतेंदु युग की प्रवृत्तियां
भारतेन्दु युग हिंदी साहित्य के पुनर्जागरण का युग था, जिसमें काव्य की प्रवृत्तियाँ परंपरा और नवीनता के संगम से प्रभावित ...
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भारतेन्दु युग के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ bhartendu yug ke pramukh kavi aur unki rachnaye

भारतेन्दु युग के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ bhartendu yug ke pramukh kavi aur unki rachnaye
भारतेन्दु युग हिंदी साहित्य के पुनर्जागरण का प्रतीक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के रचनाकाल को ध्यान में ...
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आधुनिक काल का परिचय : हिन्दी गद्य का उद्भव, विकास और भारतेन्दु युग का योगदान adhunik kal

आधुनिक काल का विस्तृत परिचय: हिन्दी गद्य का उद्भव, विकास और भारतेन्दु युग का योगदान
भारतीय इतिहास का आधुनिक काल 19वीं शताब्दी से प्रारम्भ होता है। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल adhunik kal की शुरुआत ...
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ghananand ka jivan parichay घनानंद का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्य-विशेषताएँ

घनानंद का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्य-विशेषताएँ एवं साहित्यिक योगदान
घनानंद हिंदी साहित्य के एक विलक्षण और अद्वितीय कवि थे, जिन्हें रीतिकाल के प्रमुख कवियों में स्थान प्राप्त है। उनका ...
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केशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए

केशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए
केशवदास भक्तिकाल के महत्वपूर्ण कवि थे, लेकिन संस्कृत साहित्य से अत्यधिक प्रभावित होने के कारण वे पारंपरिक हिंदी काव्य-धारा से ...
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कविवर बिहारी के जीवन परिचय-भाषा शैली और काव्य कला

कविवर बिहारी के जीवन परिचय-भाषा शैली और काव्य कला
 महाकवि बिहारी का जन्म संवत १६६० में ग्वालियर के समीप बसुआ गोविन्दपुर में हुआ था। आप मथुरा के चौबे थे। इनकी बाल्यावस्था अधिकतर बुन्देलखण्ड में बीती | तरुणावस्था में ये अपनी ससुराल चले आए। श्री राधाकृष्णदास ने इन्हें कविवर केशवदास का पुत्र स्वीकार किया है किन्तु सतसई में कुछ बुन्देलखण्डी शब्दों के प्रयोग से तथा केशव केशवराय से यह बात सिद्ध नहीं होती । मथुरा से ये तत्कालीन जयपुर नरेश महाराजा जयसिंह के पास चले आये वहाँ इन्होंने महाराज के प्रमोद के लिए सतसई की रचना की।
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mirabai ka jivan parichay मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और मीराबाई का काव्यगत विशेषताओं

mirabai ka jivan parichay मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और काव्यगत विशेषताओं
हिंदी साहित्य के भक्तिकाल (संवत् 1375-1700) में भक्ति आंदोलन दो प्रमुख धाराओं में प्रवाहित हुआ—राम भक्ति और कृष्ण भक्ति। इन ...
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