मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और उनकी काव्यगत विशेषताओं ।

मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और उनकी काव्यगत विशेषताओं ।

हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल (संवत् 1375- 1700) में भक्ति में धारा दो रूपों में प्रवाहित हुई- राम भक्ति और कृष्ण भक्ति। दोनों हे धाराओं को लक्ष्य करके हिन्दी में विपुल साहित्य की रचना की गई। राम-भक्ति धारा के प्रमुख कवि … Read More

रसखान का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताओं और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए ।

रसखान का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताओं और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए ।

रसखान का जीवन परिचय

हिन्दी साहित्य के कृष्ण भक्त कवि रसखान का पूरा नाम सैयद इब्राहीम बताया जाता है। उनका जन्म १५५८ ई. के आसपास राजवंश से सम्बन्धित एक सम्पन्न पठान परिवार में दिल्ली में मूलतः मुसलमान होते हुए भी … Read More

मलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय दीजिए। Malik mohammad jaayasee ka saahityik parichay

मलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय । Malik mohammad jaayasee ka saahityik parichay

मलिक मोहम्मद जायसी का जीवन परिचय

प्रेममार्गी कवियों में मलिक मोहम्मद जायसी को सर्वोच्च पद पर प्रतिष्ठित किया जाता है। ये इस शाखा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। जायसी का जन्म सन 1492 ई़ के आसपास माना जाता है।Read More

तुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए । Tulsi das ka sahityik parichay

तुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए । Tulsi das ka sahityik parichay

महात्मा तुलसीदास का जीवन-वृत्त अभी तक अन्धकार में है। इन्होंने स्वरचित ग्रन्थों में अपने सम्बन्ध में बहुत कम प्रकाश डाला है। ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता’ (गोस्वामी गोकुलनाथ) ‘भक्तमाल’ (नाभादास), ‘भक्तमाल की टीका’ (बाबा वेणीमाधवदास) आदि ग्रन्थों एवं तुलसीदास … Read More

सूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए। surdas ka saahityik parichay

सूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए। surdas ka saahityik parichay

सूरदास का जन्म प्रायः संवत १५२९ में सीही नामक ग्राम में माना जाता है। वहाँ से वे रुनकता और गऊघाट पर रहे। एक मत से आप सारस्वत ब्राह्मण गो थे और दूसरे मत से चन्दबरदाई कवि के वंशज । इसी … Read More

कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डालिए और कबीरदास का साहित्यिक परिचय प्रदान किजिए ।

kabir das ka saahityik parichay कबीरदास के जीवन परिचय ,कबीरदास का साहित्यिक परिचय

कबीरदास के जीवन परिचय 

     निर्गुण भक्ति की ज्ञानाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ संत कवि कबीर थे। इनके जीवन वृत्त के संबंध में अनेक प्रयाद प्रचलित है। किंवदन्ती है कि एक विधवा ब्राह्मणी कन्या को स्वामी रामानन्द ने भूल से पुत्रवती होने … Read More

भक्तिकाल हिन्दी साहित्य के इतिहास का स्वर्ण युग है। इस कथन की समीक्षा कीजिए।

Bhaktikal hindi sahitya ke itihaas ka svarṇa yug भक्तिकाल हिन्दी साहित्य के इतिहास का स्वर्ण युग है

भक्तिकाल

हिन्दी साहित्य के इतिहास में सं. १३७५ से सं. १७०० तक का काल भक्तिकाल के नाम से प्रसिद्ध है। इस युग में हिन्दी काव्य की सर्वतोमुखी उन्नति हुई। इस युग में अनेक प्रतिभाशाली कलाकार हिन्दी काव्य को अलंकृत करने … Read More

भक्तिकाल के कृष्णभक्त शाखा कवियों का जीवन परिचय देते हुए उनके कृतित्व पर प्रकाश डालिए।

भक्तिकाल के कृष्णभक्त शाखा कवियों का जीवन परिचय देते हुए उनके कृतित्व पर प्रकाश डालिए।

भक्तिकाल के कृष्णभक्त शाखा कवियों ने भक्ति की सरिता बताई है ।

कृष्ण भक्ति शाखा के कवियों में अष्टछाप कवियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जा सकता है। इसमें सूरदास, नन्ददास और कुम्भनदास मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त इस शाखा में मीरा … Read More

प्रेममार्गी शाखा के कवि और उनकी रचनाएँ तथा प्रेममार्गी शाखा की प्रमुख विशेषताएं ।

प्रेममार्गी शाखा के प्रधान कवियों का परिचय और उनकी विशेषतायें

प्रेमाख्यान परम्परा- भारत में प्रेमाख्यानों की परम्परा अत्यन्त प्राचीन एवं पुष्ट है, महाभारत तथा अनक पुराणों में निहित प्रेमाख्यान परम्परा के आधार पर कुछ विद्वान तो यहाँ तक कहने लगे हैं कि प्रेमाख्यान की परम्परा भारत की देन है और … Read More

ज्ञानाश्रयी (संत) शाखा की प्रमुख विशेषताएं

ज्ञानाश्रयी शाखा से क्या तात्पर्य है ? विवेचना करते हुए उनकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

ज्ञानाश्रयी शाखा का परिचय

ज्ञानाश्रयी शाखा भक्तिकालीन निर्गुण काव्यधारा की एक शाखा है। ज्ञानाश्रयी शाखा के काव्यों में साधना एवं ज्ञान की श्रेष्ठता का भाव अभिव्यक्त हुआ है।

कबीर दास जी इस शाखा के प्रमुख कवि थे। भक्ति काल के … Read More