हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल (संवत् 1375- 1700) में भक्ति में धारा दो रूपों में प्रवाहित हुई- राम भक्ति और कृष्ण भक्ति। दोनों हे धाराओं को लक्ष्य करके हिन्दी में विपुल साहित्य की रचना की गई। राम-भक्ति धारा के प्रमुख कवि … Read More
भक्तिकाल
मलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय दीजिए। Malik mohammad jaayasee ka saahityik parichay
मलिक मोहम्मद जायसी का जीवन परिचय
प्रेममार्गी कवियों में मलिक मोहम्मद जायसी को सर्वोच्च पद पर प्रतिष्ठित किया जाता है। ये इस शाखा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। जायसी का जन्म सन 1492 ई़ के आसपास माना जाता है।… Read More
तुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए । Tulsi das ka sahityik parichay
महात्मा तुलसीदास का जीवन-वृत्त अभी तक अन्धकार में है। इन्होंने स्वरचित ग्रन्थों में अपने सम्बन्ध में बहुत कम प्रकाश डाला है। ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता’ (गोस्वामी गोकुलनाथ) ‘भक्तमाल’ (नाभादास), ‘भक्तमाल की टीका’ (बाबा वेणीमाधवदास) आदि ग्रन्थों एवं तुलसीदास … Read More
सूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए। surdas ka saahityik parichay
सूरदास का जन्म प्रायः संवत १५२९ में सीही नामक ग्राम में माना जाता है। वहाँ से वे रुनकता और गऊघाट पर रहे। एक मत से आप सारस्वत ब्राह्मण गो थे और दूसरे मत से चन्दबरदाई कवि के वंशज । इसी … Read More
कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डालिए और कबीरदास का साहित्यिक परिचय प्रदान किजिए ।
कबीरदास के जीवन परिचय
निर्गुण भक्ति की ज्ञानाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ संत कवि कबीर थे। इनके जीवन वृत्त के संबंध में अनेक प्रयाद प्रचलित है। किंवदन्ती है कि एक विधवा ब्राह्मणी कन्या को स्वामी रामानन्द ने भूल से पुत्रवती होने … Read More
भक्तिकाल के कृष्णभक्त शाखा कवियों का जीवन परिचय देते हुए उनके कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
भक्तिकाल के कृष्णभक्त शाखा कवियों ने भक्ति की सरिता बताई है ।
कृष्ण भक्ति शाखा के कवियों में अष्टछाप कवियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जा सकता है। इसमें सूरदास, नन्ददास और कुम्भनदास मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त इस शाखा में मीरा … Read More
प्रेममार्गी शाखा के कवि और उनकी रचनाएँ तथा प्रेममार्गी शाखा की प्रमुख विशेषताएं ।
प्रेमाख्यान परम्परा- भारत में प्रेमाख्यानों की परम्परा अत्यन्त प्राचीन एवं पुष्ट है, महाभारत तथा अनक पुराणों में निहित प्रेमाख्यान परम्परा के आधार पर कुछ विद्वान तो यहाँ तक कहने लगे हैं कि प्रेमाख्यान की परम्परा भारत की देन है और … Read More
ज्ञानाश्रयी (संत) शाखा की प्रमुख विशेषताएं
ज्ञानाश्रयी शाखा का परिचय
ज्ञानाश्रयी शाखा भक्तिकालीन निर्गुण काव्यधारा की एक शाखा है। ज्ञानाश्रयी शाखा के काव्यों में साधना एवं ज्ञान की श्रेष्ठता का भाव अभिव्यक्त हुआ है।
कबीर दास जी इस शाखा के प्रमुख कवि थे। भक्ति काल के … Read More