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I am Sushanta Sunyani (ANMOL) From India & I Live In Odisha (Rourkela) I Love Blogging, Designing And Programming So Why I Choose As A career And I Am Trying To Share My Creativity With World. I Am Proud of My Mother Tongue Hindi as an Indian, & It is My Good Luck To Study Hindi Literature.

घनानंद का जीवन परिचय और साहित्य साधना का परिचय दीजिए।

घनानंद का जीवन परिचय और साहित्य साधना का परिचय दीजिए।

घनानंद का जीवन परिचय ghananand ka jivan parichay काव्य की दृष्टि से घनानन्द कृष्णोपासक भक्त कवियों की पंक्ति में हैं  पर कल – विभाजन की दृष्टि से इनकी गणना रीतिकालीन कवियों में की जाती है। काल इनका जीवन वृत्त भी अन्य कवियों के समान दूसरे कवियों की रचनाओं एवं इतिहासकारों की खोजों के आधार पर…

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केशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए ।

केशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए ।

केशवदास का जीवन परिचय केशवदास समय विभाग के अनुसार भक्तिकाल में आते हैं पर संस्कृत साहित्य से इतने प्रभावित रहे कि तत्कालीन हिन्दी काव्य-धारा से पृथक होकर वे चमत्कारी कवि हो गए तथा हिन्दी में रीतिग्रन्थों की परम्परा के आदि आचार्य माने गए । केशवदास जाति के धनाढ्य ब्राह्मण थे। वे कृष्णदत्त के पौत्र और…

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कविवर बिहारी के जीवन परिचय , भाषा शैली और काव्य कला पर प्रकाश डालते हुए बिहारी सतसई में संकलित दोहों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।

कविवर बिहारी के जीवन परिचय , भाषा शैली और काव्य कला || bihari ke jeevan parichay bhaṣa shailee aur kavyakal

 महाकवि बिहारी का जन्म संवत १६६० में ग्वालियर के समीप बसुआ गोविन्दपुर में हुआ था। आप मथुरा के चौबे थे। इनकी बाल्यावस्था अधिकतर बुन्देलखण्ड में बीती | तरुणावस्था में ये अपनी ससुराल चले आए। श्री राधाकृष्णदास ने इन्हें कविवर केशवदास का पुत्र स्वीकार किया है किन्तु सतसई में कुछ बुन्देलखण्डी शब्दों के प्रयोग से तथा केशव केशवराय से यह बात सिद्ध नहीं होती । मथुरा से ये तत्कालीन जयपुर नरेश महाराजा जयसिंह के पास चले आये वहाँ इन्होंने महाराज के प्रमोद के लिए सतसई की रचना की।

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मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और उनकी काव्यगत विशेषताओं ।

मीराबाई का जीवन परिचय, रचनाएँ और उनकी काव्यगत विशेषताओं ।

हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल (संवत् 1375- 1700) में भक्ति में धारा दो रूपों में प्रवाहित हुई- राम भक्ति और कृष्ण भक्ति। दोनों हे धाराओं को लक्ष्य करके हिन्दी में विपुल साहित्य की रचना की गई। राम-भक्ति धारा के प्रमुख कवि हुए गोस्वामी तुलसीदास। कृष्ण-भक्ति धारा में अवगाहन करके लिखनेवाले अनेक कवि हुए। इनमें सूरदास आदि…

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रसखान का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताओं और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए ।

रसखान का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताओं और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए ।

रसखान का जीवन परिचय हिन्दी साहित्य के कृष्ण भक्त कवि रसखान का पूरा नाम सैयद इब्राहीम बताया जाता है। उनका जन्म १५५८ ई. के आसपास राजवंश से सम्बन्धित एक सम्पन्न पठान परिवार में दिल्ली में मूलतः मुसलमान होते हुए भी वे जीवन भर कृष्ण की भक्ति में डूबे रहे। इनकी भगवद्भक्ति को देखकर गोसाईं विट्ठलनाथ…

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मलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय । Malik mohammad jaayasee ka saahityik parichay

मलिक मोहम्मद जायसी का साहित्यिक परिचय दीजिए। Malik mohammad jaayasee ka saahityik parichay

मलिक मोहम्मद जायसी का जीवन परिचय प्रेममार्गी कवियों में मलिक मोहम्मद जायसी को सर्वोच्च पद पर प्रतिष्ठित किया जाता है। ये इस शाखा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। जायसी का जन्म सन 1492 ई़ के आसपास माना जाता है। जायस स्थान के निवासी होने के कारण ये जायसी कहलाये । अमेठी के राजा इनका…

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तुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए । Tulsi das ka sahityik parichay

तुलसी दास का साहित्यिक परिचय दीजिए । Tulsi das ka sahityik parichay

महात्मा तुलसीदास का जीवन-वृत्त अभी तक अन्धकार में है। इन्होंने स्वरचित ग्रन्थों में अपने सम्बन्ध में बहुत कम प्रकाश डाला है। ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता’ (गोस्वामी गोकुलनाथ) ‘भक्तमाल’ (नाभादास), ‘भक्तमाल की टीका’ (बाबा वेणीमाधवदास) आदि ग्रन्थों एवं तुलसीदास द्वारा स्वयं के रचित कुछ पदों के आधार पर विद्वानों ने इनके जीवन पर जो…

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सूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए। surdas ka saahityik parichay

सूरदास का साहित्यिक परिचय दीजिए। surdas ka saahityik parichay

सूरदास का जन्म प्रायः संवत १५२९ में सीही नामक ग्राम में माना जाता है। वहाँ से वे रुनकता और गऊघाट पर रहे। एक मत से आप सारस्वत ब्राह्मण गो थे और दूसरे मत से चन्दबरदाई कवि के वंशज । इसी प्रकार इनके अन्धत्व के विषय में भी विद्वानों में मतैक्य नहीं है । कुछ विद्वानों…

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kabir das ka saahityik parichay कबीरदास के जीवन परिचय ,कबीरदास का साहित्यिक परिचय

कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डालिए और कबीरदास का साहित्यिक परिचय प्रदान किजिए ।

कबीरदास के जीवन परिचय       निर्गुण भक्ति की ज्ञानाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ संत कवि कबीर थे। इनके जीवन वृत्त के संबंध में अनेक प्रयाद प्रचलित है। किंवदन्ती है कि एक विधवा ब्राह्मणी कन्या को स्वामी रामानन्द ने भूल से पुत्रवती होने का आशीर्वाद दे दिया जिसके फलस्वरूप कबीर का जन्म हुआ । लोक-लाज के…

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रीतिकाल के प्रमुख कवियों का परिचय दीजिए तथा उनकी विशेषता भाषा-शैली के आधार पर बताइये । अथवा बिहारी की समता का कोई अन्य कवि रीति काल में नहीं हुआ । इस काल के कवियों का परिचय दीजिये ।

रीतिकाल के प्रमुख कवियों का परिचय दीजिए तथा उनकी विशेषता भाषा-शैली के आधार पर बताइये । अथवा बिहारी की समता का कोई अन्य कवि रीति काल में नहीं हुआ । इस काल के कवियों का परिचय दीजिये ।

हिन्दी का रीतिकाल सन् 1650 से 1850 तक माना जाता है। केशवदास इसके प्रथम आचार्य कवि हैं। सर्वप्रथम उन्होंने ही रीति-ग्रन्थ का प्रणयन किया। रीतिकाल एक विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का परिणाम था। वह वैभव एवं पाण्डित्य का काव्य काल है। रीतिकाल के प्रमुख कवियों का परिचय रीतिकाल के भीतर श्रृगार रस की प्रधानता रही। कुछ…

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