हिन्दी साहित्य का इतिहास दर्शन और साहित्य के विकास के प्रमुख बिन्दु

इतिहास का अध्ययन मानव सभ्यता के विकास को समझने की एक वैज्ञानिक और तर्कसंगत विधा है। ‘हिस्ट्री’ (History) शब्द का ...
Read moreछायावादी काव्य की विशेषताएँ || chayavaad kavya ki viseshtaayen

लेख का पहला पैराग्राफ पाठकों को आकर्षित करने और विषय से परिचित कराने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे ...
Read moreरीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ | रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ

'रीति' शब्द का प्रयोग निश्चित प्रणाली, ढंग और नियम के अर्थ में होता है । अतः रीतिकाल में हमारा अभिप्राय हिन्दी-साहित्य के उस काल से है, जिसमें निश्चित प्रणाली के अनुसार काव्य-कला का विकास हुआ।
Read moreमहावीर प्रसाद द्विवेदी : द्विवेदी युग और द्विवेदीयुगीन काव्यगत विशेषताएँ

महावीर प्रसाद द्विवेदी हिन्दी साहित्य के महान रचनाकारों में से एक थे, जिनका जन्म 1864 ई. में उत्तर प्रदेश के ...
Read moreद्विवेदी युग और द्विवेदी युग की नवजागरण परक चेतना

द्विवेदी युग को हिंदी साहित्य के जागरण और सुधार काल के रूप में जाना जाता है। इस युग का नामकरण ...
Read moreभारतेंदु युग की प्रमुख विशेषताएं / भारतेंदु युग की प्रवृत्तियां

भारतेन्दु युग हिंदी साहित्य के पुनर्जागरण का युग था, जिसमें काव्य की प्रवृत्तियाँ परंपरा और नवीनता के संगम से प्रभावित ...
Read moreभारतेन्दु युग के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ bhartendu yug ke pramukh kavi aur unki rachnaye

भारतेन्दु युग हिंदी साहित्य के पुनर्जागरण का प्रतीक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के रचनाकाल को ध्यान में ...
Read moreआधुनिक काल का विस्तृत परिचय: हिन्दी गद्य का उद्भव, विकास और भारतेन्दु युग का योगदान

भारतीय इतिहास का आधुनिक काल 19वीं शताब्दी से प्रारम्भ होता है। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल की शुरुआत भारतेन्दु युग ...
Read moreghananand ka jivan parichay घनानंद का जीवन परिचय, रचनाएँ, काव्य-विशेषताएँ

घनानंद हिंदी साहित्य के एक विलक्षण और अद्वितीय कवि थे, जिन्हें रीतिकाल के प्रमुख कवियों में स्थान प्राप्त है। उनका ...
Read moreकेशवदास का साहित्यिक परिचय दीजिए

केशवदास भक्तिकाल के महत्वपूर्ण कवि थे, लेकिन संस्कृत साहित्य से अत्यधिक प्रभावित होने के कारण वे पारंपरिक हिंदी काव्य-धारा से ...
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